सावधान इंडिया:-अपना वोट अपना अधिकार

                                                              सावधान इंडिया:-

अगर आप अठरा साल के है और आप वोट डालने जा  रहे है ! तो   इन बातों का ध्यान रखना. अपना वोट अपना अधिकार है। भारत हमारा देश है।  और हमें गणतंत्र पसंद है।  भारत के बहुविविधतावोपर हमें गर्व है। हम सब भारतीय एक है।  कोई भी हमें अलग नहीं कर सकता।  भले ही हमारी विचारधाराएं अलग हो  पर हम सब भारतीय है।  भारत एक अखंड देश है।  हम सब प्रथम भारतीय है।

उसके बाद हमारा धर्म ,जात ,और प्राथना स्थल है।  हमारी प्राथमिकता यह होनी चाहिए की हमे अछि शिक्षा ,स्वस्थ,रोजगार  ,और ,हमारे मुलभुत अधिकार साबुत रहे। जब हम भारत में विविधता का जिक्र करते है तब हम भूल जाते है की भारत एक विशाल और बहुविविदाता वाला देश है।




यहाँ मुस्लिम ,हिन्दू ,बौद्ध ,और बहोत सारी जातीय है। हमारी बहुविविदिता मे ही हमारी एकता है।  प्रथमता हम भारतीय है।  भारत माता के हम पुत्र है।  भारत हमारी माता है।  हमे प्रेम ,सहिष्णुता,स्वतन्ता,सम्मान,बंदूभाव से रहना चाहिए।

हम सब एक है-----

जब जब हमारे देश पर धोका मड़राय है। तब हम सब ने  मिलकर उसका सामना किया है। भारत हमारी जान ,शान,और ,ईमान , है.

वोट का महत्व :-


वोट डालना हमारा सवेधानिक हक्क  है।  और सामाजिक कर्तवे है।  हमारे १ वोट से सरकार बन सकती है और गिर भी सकती है। ऐसी ताकत हमारे एक वोट में है।  जागो मतदार जागो।


हमे यह नारा देना चाहिए की हम भारत देश की शपथ लेकर कहते है की हम आपने वोट देंगे और वो भी सही प्रतिनिधि  को ।

भारत देश में अनेक विचारधाराएं है।  पर जब हम २००१४ के बाद की विचार करते है।  तो हमे प्रतिगामी विचार  धराये आगे बढ़ती  दिखाए देती है।


भारत में २ मुख विचार धाराये है -

१ पुरोगामी 
२ प्रतिगामी 


१ पुरोगामी विचार :-

पुरोगामी का स्पस्ट मतलब है की वैद्यानिक आधारपर रखे गए विचार।  जिसका क्लैरीफिक्शन साइंस ,देती है।  और जो विचार मानव के हित में है। इस विचार से मानव की प्रगति निचित है।  इस विचार में सतत परिवर्तन होते रहता है।  पर शांति , सहिष्णुता, और प्रेम से. .. डॉ बाबसाहेब आंबेडकर,महात्मा फुले ,राजश्री शाहू महाराज,महात्मा गाँधी ,और अनेक विचारधाराक की प्रेरणा हमें पुरोगामी विचारो से  प्रेरित करती है।  और इसी विचारोपर भारत जैसे महान देश का निर्माण संभव हो पाया है।

२ प्रतिगामी :-

प्रतिगामी विचार मतलब ये विचार पुराणी प्रथा ,अन्ध्सत्रः , पर आधार्रित है।
इसमें कोई चेंज नहीं कर सकते।  यहाँ विचारधारावाले व्यक्ति कुदमे  कोई चेंज नहीं चाहते।  और वही पुराणी वाली प्रथा, अन्ध्श्रर्द्धा , वापस लाना चाहते है।  ये लोगो पर पुराने विचार प्रभावी है।
इस विचार से समाज का नुक़सान ही  होने वाला है।
जिससे वापस पुराने वाले ख़राब दिन आएगी।

जर्मनी का इतिहास :-

जब हम जर्मनी की इतिहास देखते है तो हमे पता चलता है  की हिटलर ने सारे जर्मनी का सत्यानाश कर दिया था।  उसने प्रतिगामी विचारो का समर्थन किया था।  और एक अधिकार शाही प्रस्थापित की थी।
जिस से लोगो को गुलामगिरी में धकेला था।
और विश्व को अंधकार में भेज दिया था। और पुरे वर्ल्ड ने महाभयंकर विश्व युद्ध देखा।

और गौतम बुद्ध के विचार लेकर  फिर वर्ल्ड ने शांति की ओर प्रस्थान किया।

इसलिए प्रतिगामी विचारो पर रोक लगा दी जाये।


वोट डालने जाने से पहले कोनसे बातो पर  लक्ष  दे :-

१ जाती के आधार पर वोट न करे।  जो प्रतिनिघि काम कर सकता है उसे ही वोट दे।
२ प्रतिनिघि शिक्षित है क्या नहीं यहाँ देख ले।
 ३ वो प्रतिनिघि गुनेगार तो नहीं न इसकी जानकारी ले।
४ आपने पसंदी प्रतिनिधि को वोट दे।
५ वोट पक्ष के आधारपर न दे।  वोट काम के आधारपर दे।  अगर उस प्रतिनिधि ने कुछ काम किया हो तो ही उसे वोट दे।
६ उस प्रतिनिधि का शार्ट ांयलीसी कर ले।  जब हम जॉब के लिए जाते है तो सामने वाला हमे टटोलता है।  और अगर हम उसकी इच्छा अनुसार अच्छा साबित हुई तभी  वो हमे जॉब पर रह्ता है।
 हे न।

७ फिर हम क्यों न उस प्रतिनिधि से काम की जानकारी ले।
८ उसकी पूरी जानकारी रखे। अपना वोट न भेचे।
९ अपन्ना वोट किसीको न भेची।
१० सही उमेदवार की पहचान करे।  उसकी सही से एग्जामिनेशन करे।
११ और सही उमड़कर चुनकर लाये जो आपकी परेशानिया दूर कर सके
१२ किसी का भक्त या चेला न बने।  अपने बूढी का इस्तमाल करे।


जागरूक मतदार देश का उज्वल भविष्य :

जब हम हमारी सद्सद्विवेकबुद्धि का इस्तमाल करेंगे तभी हम एक जागरूक मतदार और जागरूक देश प्रेमी कहलायेगे।
और हमारी  आने वाले पीढ़ी के भविष्य उज्वल कर पाएंगे।








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