नमस्ते दोस्तो,
अगर आप गुगल्स मॅप युज करते है। तो हो जाईये सावधान। वरना आपके बँक अकाउंट से हो सकते है पैसे गायब।
जी हा दोस्तो अपने बिलकुल सही पढा है।
अगर आप गुगल का मॅप ॲप्लिकेशन युज कर रहे है। तो आपके बँक अकाउंट से पैसे गायब हो सकते और बहुत सारे लोगों के भी पैसे गायब हो चुके है। हाल ही में महराष्ट्र के epf विभाग से कई केसेस सामने आई है। और बहोत सारे लोगी को बैंकवाले बोलकर चुना लगा गए है।
इसलिये रही ये सावधान।
दोस्तो हम अक्सर गुगल का गुगल मॅप ॲप्लिकेशन युज करते है।
एप्लीकेशन बहोत ही हेल्प फुल है। इस एप्लीकेशन से हमे अड्रेस आसानीसे मिलता है।
इसलिये हम गुगल मॅप युज करते है.
पर हाल ही मे गुगल मॅप्स से अनेक प्रकार के फ्रॉड करने वालो की शुक्ला देखी जा रही है।
और ये फ्रॉड भी इतने आसान तरीके से किया जाता है। और हमे पता भी नही चलता।
पर हाल ही मे गुगल मॅप्स से अनेक प्रकार के फ्रॉड करने वालो की शुक्ला देखी जा रही है।
और ये फ्रॉड भी इतने आसान तरीके से किया जाता है। और हमे पता भी नही चलता।
ये लोग फ्रॉड कैसे करते है
जानिये
अगर आपको पता होगा तो देखिये गुगल मॅप में हम किसी भी लोकेशन को ऍड कर सकते है। और एडिट भी कर सकते है।
इसी का फायदा सायबर क्राईम करनेवाले उठा लेते है। ये सायबर क्रिमीनल गुगल मॅप मे जाकर संबंधित एटीएम ,बँक ऍड्रेस- कॉन्टॅक्ट नंबर ,मे डिलीट कर के अपना नंबर डाल देते है.
और
हम जब कभी नजदीकी एटीएम को सर्च करते है मॅप मे। तो हमें एटीएम के अड्रेस के साथ साथ मोबाईल नंबर या लँडलाईन नंबर भी मिल जाता है।
साथ साथ जब हम नजदीकी बँको को सर्च करते है गुगल मॅप तो। हमे संबंधित बँक ऍड्रेस के साथ साथ लँडलाईन नंबर मोबाईल नंबर भी मिल जाता है। कही बार हम डायरेक्ट संबंधित नंबर से कॉल कर लेते है। और
हम जिस नंबर पर कॉल कर रहे है। वो नंबर किसी अन्य व्यक्ती का होता है। मतलब ऍड्रेस एडिट कर के डाला होता है। और हमे वहा से पूछा जाता है की आपके एटीएम का पिन बताओ। गलती से भी आपका ट्रांजेक्शन गलत हो जाता है। या एटीएम ब्लॉक वगैरे हो जाता है। और हम एटीएम कार्ड के कस्टमर केअर को फोन लगाते है और वही कस्टमर केअर का नंबर फ्रॉड होता है। और हम फस जाते है।
और
हम जब कभी नजदीकी एटीएम को सर्च करते है मॅप मे। तो हमें एटीएम के अड्रेस के साथ साथ मोबाईल नंबर या लँडलाईन नंबर भी मिल जाता है।
साथ साथ जब हम नजदीकी बँको को सर्च करते है गुगल मॅप तो। हमे संबंधित बँक ऍड्रेस के साथ साथ लँडलाईन नंबर मोबाईल नंबर भी मिल जाता है। कही बार हम डायरेक्ट संबंधित नंबर से कॉल कर लेते है। और
हम जिस नंबर पर कॉल कर रहे है। वो नंबर किसी अन्य व्यक्ती का होता है। मतलब ऍड्रेस एडिट कर के डाला होता है। और हमे वहा से पूछा जाता है की आपके एटीएम का पिन बताओ। गलती से भी आपका ट्रांजेक्शन गलत हो जाता है। या एटीएम ब्लॉक वगैरे हो जाता है। और हम एटीएम कार्ड के कस्टमर केअर को फोन लगाते है और वही कस्टमर केअर का नंबर फ्रॉड होता है। और हम फस जाते है।
अलग अलग फोन नंबर से हमे फोन करते है। और अगर हमने गलती से भी सही जांनकारी दे दी। तो हमारे अकाउंट से पैसे गायब हो सकते है।
सायबर क्राईम वाले लोग बहुत शातिर होते है।
वो हमे ऐसे जताते है जसी वो बैंक से बात कर रहे है।
अगर हम हमारी पूरी जानकारी दे देते है। तो वो लोग हमारे अकाउंट से पैसे गायब करते है।
इस तरह खुलेआम हमे लुटा जाता है।
इसलिये जब भी हम गूगल मॅप्स पर किसी अ ड्रेस को सर्च करे तो। तो इन्क्वारी कर ले की सही जगह पर फ़ोन लगा है या नहीं। और जिस नंबर पर हम फ़ोन लगा है वो एटीएम का संबंधित बँका हे या नही जान ले।
अपनी निजी जानकारीजैसे एटीएम का पिन नंबर ,डेट ऑफ़ बर्थ ,otp कभी भी किसी अन्य व्यक्ति को
नहीबताये। नहीं तो आपका नंबर लग सकता है। टेक्नॉलॉजी का इस्तमाल सही तरी कैसे करे वरन यही टेक्नॉलॉजी हमे एक दिन तबाह कर सकती है।
सावधान रहे सतर्क रहे.
नहीबताये। नहीं तो आपका नंबर लग सकता है। टेक्नॉलॉजी का इस्तमाल सही तरी कैसे करे वरन यही टेक्नॉलॉजी हमे एक दिन तबाह कर सकती है।
सावधान रहे सतर्क रहे.